Translation of Best-seller Marathi novel DHANANJAY. 'धनंजय' का यह गुजरती अनुवाद है। महाभारत में अर्जुन जैसा एकहि योद्धा नहीं है। ब्रह्मास्त्र, ऐन्द्रास्त्र, पाशुपतास्त्र जैसे अनेक अस्त्र थे। फिरभी वह शालीन था। इस अस्त्रोंका विनियोग उन्होंने गलत काम केलिए नहीं किया। इसीलिए कृष्ण को धर्मसंस्थापन केलिए अर्जुन का ही हाथ काम आया। महाभारत का वास्तविक दर्शन देनेवाली, मूल महाभारत के साथ ही अनेको ग्रंथोंका अभ्यास करके यह उपन्यास तथा नवलकथा लिखा है।